विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता कि जननी है | – महात्मा गाँधी
जो समय बचाते हैं, वे धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन, कमाएं हुए धन के बराबर है। – महात्मा गाँधी
व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है. – महात्मा गाँधी
हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें. हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा– महात्मा गाँधी
आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी. – महात्मा गाँधी
No comments:
Post a Comment